ठाकुर विशम्भरनाथ अनिका और अरुणिमा जी को मंदिर से लेकर सीधे हवेली पहुंचे। पूरी गाड़ी में अनिका अपने ख्यालों में गुम रही। "अनु...." अरूणिमा जी के कहने पर उसकी तंद्रा भंग ...

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